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टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), एन.सी.पी.ए.एच., कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एस.एच., रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा दिनांक 15-16 जून, 2017 को बस्ती जिले में टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बस्ती जिले के विभिन्न ब्लाकों से आये प्रगतिशील किसान राकेश्वर प्रसाद चौधरी, कौशल कुमार सिंह, राजाराम यादव एवं गणेश मौर्या सहित लगभग 65 किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अवसर पर डा. वी. के. सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी., लखनऊ ने बागवानी, टपक सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती के महत्व को बताते हुए यह भी बताया कि पॉलीहाउस तकनीक अपनाने से पौधों के दैहिकीय गुणों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बस्ती के संयुक्त निदेशक, डा. आर. के. तोमर एवं जिला उद्यान अधिकारी श्री राजमणि शर्मा द्वारा किसानों के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराया। संस्थान के डा. एस. आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने संरक्षित संरचना के तहत सब्जियों की विदेशी प्रजाति के बारे में बताया एवं पी.एफ.डी.सी. लखनऊ के डा. मनोज कुमार सोनी के साथ मिलकर प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को बागवानी की नई तकनीकों की जानकारी दी तथा जल संरक्षण को ध्यान में रखकर टपक सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग कर कम से कम पानी से सिंचाई करने की बात कही। उसके बाद किसानों द्वारा किये गये प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। श्री नीरज कुमार शुक्ला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र एवं जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।